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मंगलवार, 20 नवंबर 2012

व्यापार वृद्धि के कुछ अनुभूत उपाय

 परिहार ज्योतिष अनुसंधान केन्द्र
मु. पो. आमलारी, वाया- दांतराई
जिला- सिरोही (राज.) 307512
मो. 9001742766,9001846274
Email-pariharastro444@gmail.co
प्रतिस्पर्द्धा के इस युग  में अपने कार्य व्यवसाय को सफलता के शिखर तक ले जाना एक कड़ी चुनोती हैं | आज हरेक व्यक्ति किसी न किसी कारण से कार्य व्यवसाय को लेकर परेशान हैं | कोई कम बिक्री के कारण तो कोई कम मुनाफे के कारण और कोई कार्य व्यवसाय में आकस्मिक घाटे के कारण परेशान हैं | इस प्रकार कार्य व्यापर में कोई न कोई समस्या बनी रहती हैं | ऐसा ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अपने पूर्व जन्मो के शुभाशुभ कर्मो के कारण होता हैं वर्तमान जन्म के कुछ दोषों ,नजर दोष ,वास्तु दोष या अन्य किसी दोष के कारण भी कार्य व्यवसाय में परेशानी आती हैं | यदि आपको भी किसी कार्य व्यापार में कोई परेशानी आ रही हैं तो आप निम्न में से कोई उपाय करके भी अपनी समस्या का समाधान कर सकते हैं .............
१....आपके कार्य व्यवसाय में किसी प्रकार की समस्या हो तो आप रविवार के दिन जब पुष्य नक्षत्र हो तब यह प्रयोग प्रारंभ करे लकड़ी के एक बाजोट पर लाल कपडा रखे उसके ऊपर तीन गोमती चक्र ,काली मिर्च रखे फिर उड़द के कुछ दाने लेकर उनके ऊपर तेल का एक दिया रखे | दुकान पर गंगा जल का छिडकाव करे | फिर धुप दीप अगरबत्ती जलाते हुए मन्त्र का एक माला जाप करे इसके पश्चात् जब जाप पुरे हो जाये तब गोमती चक्र और काली मिर्च को दरवाजे के ऊपर बांध दे | फिर उड़द के दानो को दुकान में बिखेर दे इसके अगले दिन इन उड़द के दानो को दुकान पर से उठाकर चौराहे पर डाल दे | इस प्रकार मन्त्र का जाप प्रतिदिन करे और उड़द के दानो का प्रयोग केवल रविवार को करे | ऐसा ११ रविवार तक प्रयोग करने से आपका कार्य व्यापार प्रगति करने लगता हैं 
मन्त्र ...भंवर वीर तू चेला मेरा ,खोल दुकान कहा कर मेरा
 उठे जो डंडी बीके जो माल ,भंवर वीर सोखे नहीं जाय 
२...यदि आपके कार्य   व्यापार में प्रगति नही हो पा रही ,संघर्ष हमेशा अधिक रहता हैं तो इसके लिए सर्वप्रथम काली तुलसी के पौधे की व्यवस्था करे यदि यह पौधा कही आपके आस पास उपलब्ध हैं तो ठीक हैं अन्यथा इसकी आप व्यवस्था करे फिर गमले में इसे रोप देवे | जब काली तुलसी के आस पास खरपतवार उग आये तब शुक्ल पक्ष में अपनी राशी के अनुसार किसी सिद्धि योग का चयन करे उस दिन खरपतवार को लेकर किसी कपडे में बांध देवे इसे धुप दीप दिखाए  फिर गणेश जी के मन्त्र ॐ गं  गणपतये नमः का जाप करे फिर इसे अपनी तिजोरी में रख देवे फिर प्रतिदिन धुप दीप दिखाते रहने से आपका कार्य व्यवसाय बढ़ने लगता हैं |
३...अगर आप अकेले व्यापर करने में असमर्थ हैं और साझेदारी में बार बार परेशानी आ रही हो तो होली या दीपावली की रात्रि में कच्चा सूत लेकर रोली से रँगे | फिर माता लक्ष्मी की तस्वीर के आगे रखकर धुप दीप दिखाकर प्रार्थना करे की हे ,माते ! मेरा कार्य व्यापर अच्छा चले और मुझे साझेदारी में किसी प्रकार की कोई समस्या नही   आए ऐसी प्रार्थना कर सूत अपने पास रख ले तो इसके प्रभाव से आपका कार्य व्यापर और साझेदारी अच्छी चलती रहती हैं |
४...यदि आपके व्यापर में कोई प्रगति नही हो पा  रही तो आप   इस प्रयोग को ग्रहण  काल  , होली या दीपावली की रात  को संपन्न  करे इसके लिए पवित्र   होकर स्वच्छ वस्त्र  धारण  करे फिर बाजोट पर लाल कपडा बिछाए  उस पर काले  तिलों  की ढेरी  बनाये  उस पर तेल का एक दिया रखे फिर इसके सामने  ११ लौंग  ,११ इलायची ,११ काली मिर्च रखे   | तेल के दिए  में पाँच  गोमती चक्र डाल दे फिर इसके पश्चात्   अपने इष्ट  से प्रार्थना  करे की मेरा व्यापार प्रगति करता  रहे  यदि किसी ने  बंधन  किया  हैं तो बंधन दूर  हो जाये इसके पश्चात् इस पोटली  को उठाकर चौराहे पर आजाये  यहाँ  पर पोटली को छोड़कर  बिना  पीछे  देखे  घर  आ जाये फिर हाथ  पैर  धो  ले ऐसा करने से भी आपका व्यापर प्रगति करने लगता हैं 
5..आपके व्यापर पर किसी की बुरी  नजर लग  गयी  हैं या किसी ने कुछ तंत्र  प्रयोग किया हैं तो आप शनिवार  के दिन काले घोड़े  की नाल  लाकर  अपने दरवाजे के ऊपर लगा  देवे इसके करने से भी आपके कार्य व्यापर में प्रगति होने  लगती हैं  |

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