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रविवार, 30 सितंबर 2012

मंगली दोष एंव दहेज



परिहार ज्योतिष अनुसंधान केन्द्र
मु. पो. आमलारी, वाया- दांतराई
जिला- सिरोही (राज.) 307512
मो. 9001742766,09001846274,02972-276626
 मंगल दोष सम्बंधित अधिक जानकारी हेतु आप मेरे द्वारा लिखित  पुस्तक मंगल दोष पीड़ा एवम परिहार का अध्धयन करे 
वर्तमान मे मंगली दोष  चिर परिचित शब्द है। विवाह वार्ता के समय इन दो शब्दो का मायाजाल या आंतक आपने कई बार देखा होगा । यदि कहा जाए कि 50 प्रतिशत रिश्ते इन दो दोषो के कारण अपने अंतिम चरण मे जाकर टुटते है तो कोई अतिशयोक्ति नही होगी ! कई बार युवती के माता -पिता अपनी लाडली के योग्य रिश्ते की चाह मे अपना सुख -चैन खो बेठते है परंतु दहेज रूपी शेषनाग उन्हे जीवन भर डसने की कोशिस करता रहता है ! दहेज ईच्छा पुरी न करने पर अपनी संतान के साथ ससुराल पक्ष का व्यवहार बिगड जाता है ! कई बार कन्या को शारीरिक यातनाएं भी दी जाती है !
        मंगली दोष एवं दहेज का परस्पर घनिष्ठ संबंध है ! मंगल को ऋण का अचल संपन्ति का कारक ग्रह माना जाता है ! जब किसी युवक के जन्मांग मे मंगल धन -लाभ का कारक होकर ससुराल भाव से संबंध बनाए तो उसे ससुराल से धन की प्राप्ति  हो जाती है। यहि मंगल जब कमजोर हो तो उसे ससुराल से धन कि प्राप्ति कम हो जाती है। आजकल धन कि इच्छा प्रत्येक व्यक्ति को रहती है। प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी प्रकार से धन कि प्राप्ति करना चाहता है। ज्योतिष मे इसी कारण धन भाव को मारक भाव माना गया है। जीवन साथी का धन भाव अर्थात अष्टम भाव भी मारक भाव माना गया है। मंगल एक पाप ग्रह है। इसलिए धन प्राप्ति के लिए पाप कार्य भी करवा सकता है। जब मंगली दोष धन भाव या अष्टम भाव मे स्थिति के कारण बनता हो तो ऐसी स्थिति मे दहेज कि पूर्ति नही कर पाने के कारण उसके साथ मारपीट भी कि जाती है। इस समय अल्पायु योग वाली कन्याओ को दहेज हत्या का सामना भी करना पडता है।
आपने समाचार पत्रो मे कई बार पढा होगा कि विवाह कि रस्म या पाणिग्रहण संस्कार के समय दहेज इच्छा पुरी नही होने के कारण बारात वापिस लौट गयी । दहेज मे मारुति न मिलने कारण बारात लौट जाना अब आम बात हो गई है। दहेज लेते समय व्यक्ति विशेष का उदाहरण देकर अपनी लालसा को सही बताने कि कोशिस करते है। दहेज के कारण कई बार युवति द्वारा पुलिस केस कर दिया जाता है। तो कई बार विवाह समारोह स्थल पर तोडफोड भी कर दी जाती है। अर्थात मंगली दोष कि ऐसी स्थिति विवाह मे कोई न कोई बाधा अवश्य उत्पन्न करती है। विवाह के पश्चात भी इनका जीवन परेशानियो भरा रहता है। ससुराल पक्ष द्वारा ताने मारकर परेशान किया जाना एक सामान्य बात है। इलेक्ट्कि करट देना ,गर्म चिमटे द्वारा शरीर को दागना जैसी कई अमानवीय यातना दि जाती है। कई बार ऐसा भी होता है। कि रसोई घर मे खाना बनाते समय आग लगने से जलकर मृत्यु हो जाती है। इसका कारण दहेज हत्या न होने पर भी दहेज हत्या का आरोप लगा दिया जाता है। तो कई बार जानबुझकर केरोसीन डालकर हत्या कर दी जाती है। अर्थात दहेज न मिलने से ससुराल पक्ष द्वारा घृणित कार्य को अंजाम दे दिया जाता है।
जिस प्रकार किसी कन्या कि कुण्डली मे दहेज कि स्थिति बनती है। उस प्रकार का किसी पुरुष कि कुंडली मे होने पर कन्या पक्ष को धन देना पडता है। वर्तमान मे कई राज्यो मे स्त्री पुरुष अनुपात अर्थात लिंगानुपात समस्या बनता जा रहा है। एक हजार पुरुषो के मुकाबलो  आढ सौ स्त्रिया होने क कारण दुसरे राज्यो से युवतिया खरीद कर विवाह किया जा रहा है। तो कई लोगो द्वारा युवती के पिता को धन देकर विवाह सम्बंध तय किया जाता है। विवाह सम्बंध के पश्चात भी जब युवती के माता पिता को आवश्यकता पडने पर धन नही दिया जाता तो उसे घर पर बैढा दिया जाता है। उसे ससुराल नही भेजा जाता । अर्थात पुरुष कि कुंडली मे दहेज जिसे दापा भी कहते है। योग होने पर दाम्पत्य जीवन मे परेशानी होती रहती है।
जब किसी जन्मंाग चक्र मे मंगली दोष के साथ दहेज योग भी निर्मित हो रहा हो तो उसे किसी योग्य ज्योतिषि का मार्गदर्शन अवश्य प्राप्त करना चाहिए । विशेष रुप से लग्न, द्वितिय एंव अष्टम भाव मे मंगल स्थिति बनाकर किसी पापग्रह से सम्बंध बनाए एंव वह पाप ग्रह धनेश या लाभेश बन रहा हो तो उन्हे इस प्रकार कि पीडा सहन करनी पड सकती है।

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