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शनिवार, 15 सितंबर 2012

गणेश चतुर्थी पर करे अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति



“कलौ चण्डी विनायकों ” शास्त्र वचन है कि कलियुग में दुर्गा और गणेश की उपासना शीघ्र फलदायक मानी गई है। महर्षि लौगाक्षी के अनुसार सूर्य से आरोग्य की शिव से ज्ञान की , जनार्दन से मोक्ष की, दुर्गा से रक्षा की, भैरव से कठिनाईयों से पार पाने की, सरस्वती से विद्या की, लक्ष्मी से धन सम्पति की, शची इन्द्राणी से कल्याण की, स्कन्द से संतान वृद्धि, हनुमान से कष्ट निवारण एवं गणेशजी से सभी वस्तुओं की याचना करनी चाहिये। अर्थात गणेश सर्व कार्यो की सिद्धि प्रदान करने वाले है। इस वर्ष गणेश चतुर्थी 19 सितम्बर 2012 को है। इसलिए आप भी अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति हेतु उपाय कर लाभावन्वित हो सकते है। इस बार गणेश चतुर्थी बुधवार को भी है एवं उस दिन रवियोग भी बन रहा है। इसलिए इस दिन पुजा प्रार्थना , दान का अधिक महत्व है। आप भी अपनी सुविधा के अनुसार उपाय कर लाभ प्राप्त कर सकते है। गणेश चतुर्थी के दिन प्रातः काल स्नान ध्यान कर पुजाकर में जाए/वहां एक बाजोट पर हरा कपडा बिछाकर उस पर गणपति की तस्वीर या प्रतीमा को स्थान दे। आप पूर्व दिशा की तरफ मुख कर कुंकुम, चावल व मौली से पुजा कर सिंदुर चढाए। फिर धुप दीप अगरबती जलाए। बुंदी के लड्डुओं का गणेशजी को भोग लगाए। फिर निम्न में से अपनी आवश्यकता अनुसार किसी एक मंत्र का जाप करे।
1 ऋण नाश के लिए-
ओम नमो विघ्नहराय गं गणपतये नमः
इस मंत्र का सात माला जाप मुंगे की माला से कर फिरोजा को अभिमंत्रित कर धारण करे तो कर्ज से छुटकारा मिलता है।
2 भौतिक सुख समृद्धि के लिए-
मंत्र-- ओम श्री गं सौम्यां गणपतये वर वरद सर्वजनये वशमानय स्वाहा।
गणेश चतुर्थी के दिन पारद लक्ष्मी गणेश की स्थापित कर स्फटिक माला से पांच या अधिक माला जाप जितना संभव हो करे फिर प्रतिदिन स्फटिक गणेश को धुप दीप दिखाकर एक माला जाप करने से आपकी आर्थिक स्थिति सुधरती जाती है एवं लोगों से सहयोग भी मिलता रहता है।
कुछ अन्य सिद्ध मंत्र-
ओम गं गणपतये नमः।
ओम वक्रतुण्डाय हुम।
श्री गणेशाय नमः।
गजाननं भूतगणादिसेवितं कपित्थ जम्बूफल चारूभक्षणम्।
उमासुत शोक विनाशककारकं नमामि विघ्नेश्वरपादपंकजम।।
भगवान गणेश स्मरण मात्र से ही सिद्धि प्रदान करने वाले है। वे अग्रपूज्य है। गणेशजी को ब्रह्मा , विष्णु , महेश , सूर्य , चंद्र, द्वारा भी वंदित बताया है। जब सृष्टि के कर्णधार भी गणेश वन्दना करते है तो हमे अवश्य ही उनकी पुजा कर अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति करनी चाहिए।
परिहार ज्योतिष अनुसंधान केन्द्र
मु. पो. आमलारी, वाया- दांतराई
जिला- सिरोही (राज.) 307512
मो. 9001742766

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