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शनिवार, 24 अगस्त 2013

अक्ष्युपनिषद

         ज्योतिषाचार्य वागा राम परिहार 
09001742766
नैत्र रोगो के निवारण के लिए अक्ष्युपनिषद का पाठ करना चाहिए । इसके लिए शुक्ल पक्ष के रविवार जो आपकी राशि के अनुकुल हो से प्रारंभ कर प्रतिदिन धुप दीप जलाकर सूर्य भगवान को अध्र्य देते हुए करना चाहिए
 हरिः ओम ।अथ ह सांगकृतिर्भगवानदित्यलोकंजगाम्।स आदित्यम नत्वाचक्षुष्मतीद्यया तमस्तुवत्।ओम नमो भगवते श्रीसूर्यायाक्षितेजसे नमः।ओम खेचराय नमः।ओम महासेनाय नमः।ओम तमसे नमः।ओम रजसे नमः।ओम सत्वाय नमः।ओम असतो मा सद्गमय।तमसो मा ज्योतिर्गमय।मृत्योर्माऽमृत ंगमय हंसो भगवांछुचिरूपः अप्रतिरूपः विश्वरूपं घृणिनंजातवेदसं हिरण्मयं ज्योतीरूपं तपन्तम्।सहस्त्ररश्मिः शतधा वर्तमानः पुरः प्रजानामुदयत्येष सूर्यः।ओम नमो भगवते श्रीसूर्यायादित्यायाक्षितेजसेऽहोऽहिवाहिनि वाहिनि स्वाहेति।एवं चक्षुष्मतीद्यया स्तुतः श्रीसूर्यनारायणः सूप्रीतोऽब्रवीच्चक्षुष्मतीद्यां ब्राह्मणो यो नित्यमधीते न तस्याक्षिरोगो भवति ।न तस्य कुलेऽन्धो भवति ।अष्टौ ब्राह्मणान ग्राहित्वाथ विद्यासिद्धिर्भवति।य एवं वेद स महान भवति।
  

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