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गुरुवार, 15 अगस्त 2013

सुर्य किरन चिकित्सा


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सूर्य किरणों के सेवन से हमारे देह के कौन.कौनए कैसे.कैसे रोगों का निवारण होता है और अन्य क्या.क्या लाभ मिलते हैंए उसके विषय में कहा गया हैं कि.
सूर्यतापः स्वेदवहः सर्वरोगविनाशकः।
मेदच्छेदकरश्चैव बलोत्साहविवर्धनः।।
दद्रुविस्फोटकुष्ठघ्रः कामलाशोथनाशकः।
ज्वरातिसारशूलानां हारको नात्र संशयः।।
कफपितोöवान् रोगान् वातरोगांस्तथैव च।
तत्सेवनान्नरो जित्वा जीवेच्च शरदां शतम्।।
अर्थात् सूर्य का ताप स्वेदको बढानेवाला और सभी प्रकार के रोगों को नष्ट करनेवाला मेदका छेदन करनेवालाए बल तथा उत्साह को बढाने वाला है। यह दद्रु  विस्फोटक कुष्ठ  कामला  शोथ   ज्वर   अतिसार शूल तथा कफ एवं वात और पित.इन त्रिदोषों से उत्पन्न रोगों को दूर करनेवाला है। इसके सेवन से मनुष्य रोगों पर विजय प्राप्त करके दीर्घायु प्राप्त करता है।
सारांश यह है कि सभी प्रकार के रोगों का निवारण सूर्य.किरणों के सेवन से होता है। शक्ति एवं उत्साह में वृद्धि होती है और शतायु की प्राप्ति होती हैं।
सूर्य के प्रकाश से हमें प्राण.तत्व तथा उष्णता ये दोनों प्राप्त होते हैंए जो हमारे जीवन को स्वस्थ तथा दीर्घजीवी बनाते हैं। सूर्यकिरण द्वारा ष्ओजोन वायुष् उत्पन्न होती हैए जो हमें और हमारी पृथ्वी को सुरक्षित रखती है। यह ओजोन हमारी शक्ति को बढाती है तथा रक्त को विशुद्ध करती है  हृदय को शक्तिशाली बनाती है और हड्डी तथा नाडी इत्यादि को सक्षम बनाती है।

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