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मंगलवार, 4 दिसंबर 2012

कहा होता हैं लक्ष्मी का वास

ज्योतिषाचार्य वागा   राम परिहार 

9001742766 ,9001846274  
धन  सब कुछ तो नहीं परन्तु बहुत कुछ अवश्य कहा जा सकता हैं | आज हरेक व्यक्ति को धन की आवश्यकता बहुत अधिक रहती हैं कुछ ऐसे लोग भी हैं जिन्हें पता ही नहीं रहता की उनके पास कितना धन हैं परन्तु कुछ लोगो को अपनी जरूरतों की पूर्ति के लिए भी आवश्यक धन प्राप्त नहीं होता आखिर लक्ष्मी की कृपा कुछ जातको पर ही क्यों रहती हैं | आज कुछ ऐसी सामान्य जानकरिया दी जा रही हैं जो लक्ष्मी कृपा हेतु आवश्यक हैं | हमें किस प्रकार का व्यव्हार करना चाहिए, कैसे रहना चाहिए जिससे हम पर लक्ष्मी कृपा बनी रहे |
कहा होता हैं लक्ष्मी वास ..........
१...जो व्यक्ति बुद्धिमान ,दयावान ,उदार, धर्म  कर्म में रूचि रखने वाला ,ईमानदार और सदाचारी हो उसके घर में लक्ष्मी का स्थायी वास रहता हैं |
२...जो सत्य भाषी हो ,दुसरो के दुःख में उनकी सहायता करता हो ,परोपकारी हो ,प्रेम भाव रखता हो वहा लक्ष्मी का वास रहता हैं 
३...जो पूजा पाठ करता हो ,भगवान का उपासक हो ,धार्मिक कार्यो में रूचि रखता हैं उसके घर में लक्ष्मी का वास रहता हैं |
४..जो नित्य स्नान कर स्वच्छ   वस्त्र धारण करता हैं वहा लक्ष्मी का वास रहता हैं |
५..जहा स्त्री का सम्मान होता हो ,जिस घर में झगडा नहीं होता हो वहा लक्ष्मी का वास रहता हैं |
६..जो परस्त्री पर कुदृष्टि नहीं रखे ,त्यौहार के दिनों में मैथुन का त्याग करता हैं वहा लक्ष्मी का वास रहता हैं |
७..जो सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान कर पूजा पाठ करता हैं वहा लक्ष्मी का वास रहता हैं |
८..जो लोग साधू ,ब्राहमण ,घर आये मेहमान का आदर सत्कार करता हैं वहा लक्ष्मी का वास रहता हैं |
९..जो धर्म ,निति और न्याय का पालन करे वहा लक्ष्मी का वास रहता हैं | 
१०..जहा माता लक्ष्मी की पूजा आराधना की जाती हैं वहा लक्ष्मी की कृपा बनी रहती हैं |
कहा वास नहीं होता लक्ष्मी का ...........
१..जो व्यक्ति गुरु और ब्राह्मण का अनादर करता हैं वहा लक्ष्मी की कृपा नही होती 
२..जो व्यक्ति खाते समय बोलता हो या हँसता हो वहा लक्ष्मी का वास नही रहता 
३...जो अपने घर की नित्य सफाई नही करता ,जहा कूड़ा करकट पड़ा रहता हो वहा लक्ष्मी का वास नही रहता |
४..जो देवी देवताओ की पूजा नहीं करता ,जहा कोई धार्मिक आयोजन नही होता हो वहा लक्ष्मी का वास नहीं रहता |
५..जो लोग बुद्धिमान नही होते ,मेहनत नही करते ,आलसी होते हैं वहा लक्ष्मी की कृपा नही रहती   
६..जो इश्वर में विश्वास नहीं करता ,चोरी करता हो वहा लक्ष्मी का   वास नही रहता |
७..जो स्त्री दिन में सोती रहती हैं ,सास ससुर और पति का सम्मान नहीं करती उस घर में लक्ष्मी का वास नहीं रहता |
८..जिसके घर में नित्य कलह रहता हो ,स्त्रियों का सम्मान नहीं करता वहा उस घर में लक्षी का वास नही होता 
९..जहा असत्य भाषण होता हो ,लड़ाई झगडे करते हो, दुसरो को परेशान करते हो उनके घर में लक्ष्मी का वास नही होता |
१०..जो मांसाहारी हो ,नशीले पदार्थो का सेवन करते हो उसके घर में लक्ष्मी का वास नहीं रहता | यदि किसी ऐसे अधर्मी को लक्ष्मी की कृपा पूर्वजन्म के शुभ कर्मो के कारण हो जाये तो उसका जीवन परेशानियों भरा रहता हैं उसे आत्मिक शांति नही होती और उसे जीवन के अंतिम क्षण में बहुत दुखी होना पड़ता हैं |

ज्योतिष और कार्य व्यवसाय

ज्योतिषाचार्य वागा राम परिहार 

९००१७४२७६६,9001846274
प्राचीन काल में किसी व्यक्ति के लिए कार्य उसका पैतृक  व्यवसाय ही ज्यादातर होता था परन्तु समय चक्र के साथ साथ आज कार्य व्यवसाय में भी अनेक परेशानिया कठिन प्रतिस्प्रद्धा के कारण हो रही हैं | आज कोई व्यक्ति किस कार्य व्यवसाय को करेगा कुछ कहा नही जा सकता परन्तु ज्योतिष शास्त्र के माध्यम से जाना जा सकता हैं की किसी व्यक्ति को कार्य व्यवसाय  करना ठीक रहेगा या उसे कही नौकरी करना शुभ रहेगा | आज लोगो में राजकीय सेवा का अवसर पाने के लिए कई प्रकार के प्रयत्न करने पड़ते हैं परन्तु राजकीय सेवा किसी किस्मत वाले को ही मिलती हैं |...
ज्योतिष शास्त्र के आधार पर किसी जातक के जन्म समय में लग्न, चन्द्र और सूर्य में से जो ग्रह बलि हो उससे दशमेश जिस ग्रह के नवमांश   में होता हैं उसी ग्रह के आधार पर कोई जातक कार्य व्यवसाय को करता हैं उसमे  उसे सफलता भी प्राप्त  होती हैं ......
१ ..यदि दशमेश सूर्य के नवांश में हो तो जातक लकड़ी ,औषधि, फल फूलो वाले वृक्ष ,अनाज ,चिकित्सा ,राजकार्य करके जीविका पाता हैं |
२..यदि दशमेश चन्द्र के नवांश में हो तो जातक जलीय वस्तुओ का व्यापार यथा मोती, शंख ,  सिंघाड़ा ,किसी महिला के यहाँ कार्य कर आजीविका पाता हैं | ऐसे जातक सब्जी, खेती, पशुपालन, शक्कर, शहद, चावल, मिनरल जल और पेय पदार्थो का कार्य व्यवसाय कर आजीविका पाता हैं 
३...यदि दशमेश मंगल के नवांश में हो तो जातक बिजली विभाग, होटल, अस्त्र शस्त्र निर्माण और विक्रय ,शल्य चिकित्सक,पुलिस, सेना ,मारपीट, वसूली और अग्नि सम्बंधित कार्य कर रोजगार पाता हैं |
४...यदि दशमेश बुध के नवमांश में हो तो ज्योतिष कार्य ,लेखा -जोखा ,दूरसंचार सेवा ,लेखन ,प्रकाशन ,कारीगरी ,शिल्प कार्य, उधार कार्य ,बैंकिंग ,बीमा कार्य कर रोजगार पाता हैं |
५..यदि दशमेश वृहस्पति के नवांश में हो तो अध्यापन ,कर्मकांड ,धार्मिक कार्य ,पूजा पाठ कर रोजगार पाता हैं 
६यदि दशमेश शुक्र के नवांश में हो तो जातक फ़िल्मी लाइन ,एक्टर, डांसर ,कोस्मेटिक्स, हीरे -जवाहरात ,नाटक ,गायन ,दवाई विक्रय ,सफ़ेद वस्तुओ का कार्य कर रोजगार पाता हैं |
७..यदि दशमेश शनि के नवांश में हो तो जातक मजदूरी ,न्यायिक कार्य ,वकालात ,खेती ,पेट्रो पदार्थो का विक्रय ,पत्थर कार्य कर आजीविका पाता हैं   |
यदि इस प्रकार से दशमेश नवांशेश बलवान हो तो जातक को कार्य व्यवसाय में कोई परेशानी नहीं रहती परन्तु कमजोर होने पर उसे कई प्रकार की समस्याओ का सामना करना पड़ता हैं | इसी प्रकार जन्मांग चक्र में दशमेश का बलवान होना भी जातक को कार्य व्यवसाय में अनुकूलता प्रदान करता हैं | नौकरी के लिए दशमेश और स्वयम के रोजगार कार्य हेतु सप्तमेश का बलवान होना जरुरी हैं | साझेदारी के कार्य में भी सप्तमेश की बलि स्थिति और उसका स्थिर राशी में होना साझेदारी को लम्बे समय तक बनाये रखता हैं |

सोमवार, 3 दिसंबर 2012

सूर्य दोष निवारक औषधि स्नान


ज्योतिषाचार्य वागा राम परिहार 
मोब ..९००१७४२७६६,९००१८४६२७४ 
आयुर्वेद में जिस प्रकार किसी रोग को दूर करने हेतु विभिन्न प्रकार की औषधियों का सेवन कराया जाता हैं ,कुछ विशेष तेलों की मालिश  की जाती हैं उसी प्रकार ज्योतिष में भी सूर्य कृत दोषों को दूर करने हेतु औषधि स्नान करवाया जाता हैं | आयुर्वेद में रोगों को त्रि दोषज  मानकर किसी रोग की चिकित्सा की जाती हैं तो ज्योतिष में इन्ही त्रिदोषज का कारण ग्रहों को माना जाता हैं | इससे  भी अधिक सभी प्रकार के दुखो का कारण भी इन्ही ग्रहों को माना जाता हैं | जब सूर्य जन्मांग में अशुभ होकर स्थित हो और उससे  आपको कई प्रकार की समस्याओ का सामना भी करना पड़ रहा हो तो आपको सूर्य औषध स्नान करना चाहिए जिससे सूर्य कृत अरिष्ट का शमन हो सके ......
औषध स्नान हेतु आवश्यक सामग्री ....इलायची ,खस, मधु ,लाल रंग के पुष्प, मेनसिल, देवदार 
सर्व प्रथम आप औषधि स्नान का निश्चय करने हेतु अपने लिए शुभ दिन यथा रविपुष्य ,रविवार के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का चयन करे जो आपके नाम के अनुसार भी शुभ हो |इस दिन से आपको स्नान प्रारम्भ करना  हैं |सबसे पहले   इस सामग्री को आप कूट पिछ्कर किसी बोतल में डाल देवे | फिर स्नान करने से एक घंटे पूर्व इसे जल में भिगो देवे इसके बाद स्नान करे इस प्रकार फिर प्रतिदिन स्नान करने से कुछ ही समय पश्चात् आपको सूर्य देव की कृपा प्राप्त होने लगती हैं 
ज्योतिषाचार्य वागा राम परिहार 
मोब ..९००१७४२७६६,९००१८४६२७४ 

सूर्य की जन्मांग में स्थिति के अनुसार उपाय


ज्योतिषाचार्य वागा राम परिहार
९००१७४२७६६ ,९००१८४६२७४ 
सूर्य को क्रूर ग्रह माना जाता हैं | इसकी जन्मांग में अशुभ स्थिति हो तो जातक का जीवन कठिनाइयों भरा रहता हैं | यदि आपके जन्मांग में सूर्य अशुभ होकर स्थित हो तो आपको सूर्य की भाव स्थिति के अनुसार निम्न उपाय करने पर सूर्य शुभ फल देने लगता हैं ......
१...पहले भाव में अशुभ होकर स्थित होने पर अपने मकान में जल का कोई स्तोत्र अवश्य रखे 
२...दुसरे भाव में अशुभ होकर स्थित होने पर बादाम नारियल को दान में देते रहे 
३..तीसरे भाव में अशुभ होकर स्थित होने पर मित्रो की यथासंभव सहायता करे और बुरे कर्मो से दूर रहे 
४..चतुर्थ भाव में सूर्य अशुभ होकर स्थित होने पर अंधे व्यक्तियों की सहायता करे और सफ़ेद वस्तुओ का दान करे 
५..पांचवे भाव में सूर्य अशुभ होकर स्थित होने पर लाल मुंह वाले बंदरो को गुड और चना खिलाये और धरम स्थान में केले दान में देवे 
६..छठे भाव में सूर्य अशुभ होकर स्थित होने पर पूजा स्थान में गंगा जल रखे और हरी वस्तुओ का दान करे 
७..सातवे भाव में सूर्य अशुभ होकर स्थित होने पर ताम्बे का चौकोर टुकड़ा जमीं में दबाये और कलि गाय को तेल में चुपड़ी हुई रोटी खिलाये 
८..आठवे भाव में सूर्य अशुभ होकर स्थित होने पर गाय की सेवा करे और धर्म स्थान में गेंहू और मक्का दान में देवे 
९..नवे भाव में सूर्य अशुभ होकर स्थित होने पर सफ़ेद वस्तुओ का दान करे और पिता से मधुर सम्बन्ध बनाये 
१०..दसवे भाव में सूर्य अशुभ होकर स्थित होने पर तीर्थ स्थान का जल पूजा घर में रखे और ताम्बे का सिक्का सिर पर से सात बार उतारकर जल में प्रवाहित करे 
११..ग्यारहवे भाव में सूर्य अशुभ होकर स्थित होने पर ईमानदारी से काम करे और मांस मदिरा का प्रयोग नहीं करे 
१२..बारहवे भाव में सूर्य अशुभ होकर स्थित होने पर धार्मिक कार्यो को संपन्न करने में सहायता करे और बंदरो को गुड और चने खिलाये 
इस प्रकार अपनी जन्म पत्री में सूर्य की स्थिति को देखकर उपाय करने पर सूर्य शुभ फल देने लगता हैं 
ज्योतिषाचार्य वागा राम परिहार
९००१७४२७६६ ,९००१८४६२७४